बाप बेटे ने मिलकर बहन का गैंगबैंग किया
हेल्लो दोस्तो मेरा नाम धवल है. दोस्तों मेरी उम्र 23 साल की है मेरी लम्बाई 5.7 है रंग गौरा और में बहुत हेंडसम
हूँ. अभी कुछ समय पहले मेरी बाहर
नई नई नौकरी लगी थी. में वहाँ से कुछ दिनों कि छुट्टी ले कर घर पर आया था. दोस्तो पहले में आपका परिचय अपनी बहन से करा
देता हूँ. दोस्तों मेरी छोटी बहन का नाम प्रियांशु
है. उसकी उम्र 20 साल तक होगी उसके फिगर बहुत बड़े 36 28 34 है. और वो बहुत सुंदर है वैसे तो वो शहर मे रहकर पड़ाई कर
रही है. लेकिन अभी उसकी
कॉलेज की छुट्टियाँ चल रही है. और प्रियांशु जब से शहर से आई है. वो काफ़ी समझदार
हो गई है. एक तो वो वैसे ही बहुत सुंदर है उपर से उसके छोटे छोटे कपड़े मे वो तो
और सेक्सी लगती है. और उसका फिगर देख कर तो किसी का भी लण्ड खड़ा हो जाए. क्या
फिगर है मोटे और गोरे सन्तरे पतली कमर भरी हुई गांड दोस्तो आप तो जानते है की बाहर
नौकरी जब कुछ भी नही कर सकते और वहाँ उन्हे कुछ भी देखने को नही मिलता. अब घर पर
आकर तो बस मुझसे रहा नही जा रहा था. में हर समय बस यही सोच रहता था की बस किसी की
भी चूत मिल जाए चाहे वो चूत प्रियांशु की ही क्यों ना हो बस मुझे तो चूत कि चुदाई
करनी थी.तभी एक दिन की बात है. में बैठ कर प्रियांशु के सन्तरे को निहार रहा था.
की तभी माँ ने कहा की बेटा जा कर अपने पापाजी को खेत पर खाना दे कर आओ. तो मैने
कहा ठीक है माँ आप खाने को पैक कर दो तो मैं पापाजी को दे कर आता हूँ. तभी प्रियांशु
ने कहा की माँ मैं भी भैया के साथ खेत देखने जाउंगी मुझे बहुत दिन हो गये खेत पर
गये हुए तो माँ ने कहा की ठीक है. और माँ ने खाना पैक कर के मुझे दे दिया और हम
दोनों जाने लगे.मैने एक सायकिल ले ली और प्रियांशु को आगे बैठने के लिए कहा तो प्रियांशु
आगे बैठ गई. और हम चल दिए और फिर खेत
पर पहुंच कर पापाजी को खाना खिलाया. और फिर हम खेत पर टहलने लग गये. बाबू जी खाना
खा के एक मजदूर को घर उसे बुलाने चले गये. और हम दोनों को कहा की में जा रहा हूँ.
और हो सकता है कि मुझे थोड़ी देर हो जाएगी तुम लोग टहल कर घर चले जाना. फिर क्या
था मैं और प्रियांशु टहलने लगे वहाँ पर हमारा एक गन्ने का खेत था. में उसमे से एक
गन्ना तोड़ कर उसे चूसने लगा था.
baap ne
bahan ki chudai karte dekh liya
तभी प्रियांशु ने मुझसे कहा की भैया मुझे भी गन्ना चाहिए. तो मैने उसे भी
तोड़ कर गन्ना दे दिया. और वो मजे से उसे
चूसने लगी कुछ देर के बाद प्रियांशु ने मुझसे कहा की भैया मुझे टयलेट लगी है. तो मैने कहा की यहीं पर कहीं भी जगह देख कर कर लो.
यहाँ पर कोई दरवाजा तो नही है. और मैं आगे
की तरफ चला गया फिर मैने एक गन्ने के झुंड के पीछे छुप गया और चुप कर प्रियांशु को देखने लगा. प्रियांशु ने अपनी जीस
उतारी. और मैने देखा की उसने अंदर एक गुलाबी रंग की पेंटी पहनी हुई थी उसे भी उतार दी. तब
मैने पहली बार प्रियांशु की गोरी गांड देखी जिसे देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया.
गर्लफ्रेंड को चुपके से पागल भिखारी से चुदवा दिया
और फिर प्रियांशु जबखड़ी हो रही थी. अब मैने उसकी गांद का
गुलाबी छेद भी देखा जिसे देख कर मुझसे रहा नही जा रहा था. फिर प्रियांशु ने अपनी जींस पहन कर मुझे
आवाज़ लगाई. तो मैं उसके पास गया और मेरे पास आते ही उसकी नज़र मेरे लोवर पर पड़ी. जो की एक टेंट बना हुआ
था. अब वो ज़रूर समझ गई
थी की मैं उसे टायलेट करते हुऐ देख रहा था. फिर वो मुस्कुराने लगी और उसने मुझसे कहा की भैया मुझे कोई अच्छा सा गन्ना तोड़
कर दो ना.
में पहले तो ये समझ नही पा रहा था. पर मैने कहा की तू यहीं
रुक मैं तेरे लिए एक अच्छा से गन्ने का इंतज़ाम करता हूँ. तो प्रियांशु ने कहा की
सच भैया जल्दी करो मुझसे रहा नहीं जा रहा. मुझे प्रियांशु की बातों मे मुझे कुछ
शरारत नज़र आ रही थी. मैं खेत के अंदर चला गया और वहाँ मुझे एक जगह खाली और साफ सी
नज़र आई. और अब तो मेरे सामने सिर्फ प्रियांशु की गोरी गांड ही घूम रही थी. फिर
क्या था मैने अपना 8 इंच का लण्ड बाहर
निकल कर मूठ मारने लगा उधर प्रियांशु काफ़ी देर तक मेरा बाहर इंतजार करने के बाद
जाने कब अंदर आ गयी. और मेरी आँखे बंद थी अचानक मुझे किसी और का हाथ अपने लण्ड पर
महसूस हुआ. तभी मैने आँख खोली तो देखा की प्रियांशु घुटनो के बल बैठ कर मेरे लण्ड
को सहला रही है. मैने उसको कहा की प्रियांशु ये क्या कर रही हो. तो प्रियांशु ने
कहा की भैया ये आपकी हालत मेरी वजह से हुई है ना तो मैने सोच की इससे ठीक भी मैं
ही कर दूँ. फिर क्या था मेरे चेहरे पर मुस्कान थी. और मैंने प्रियांशु को कुछ नही
कहा जिसे उसने मेरी हाँ समझी और उसने मेरा लण्ड मुहं मे लेकर उसे चूसने लगी मैं
उसके सर पर हाथ फिरा रहा था और मेरे मुहं से अहाआ आआआहा की आवाज़ निकल रही थी. प्रियांशु
मेरा लण्ड को एक गन्ने की तरह चूस रही थी. जैसे कि उसने पहले भी कई बार लण्ड चूसा
हो. आप यह कहानी GANDI KAHANI पर पढ़ रहे है |
khet me baap bete
ne bahan ko choda
काफ़ी देर बाद मैने प्रियांशु को खड़ा किया और उसकी टी-शर्ट के उपर से ही
उसके मोटे सन्तरे दबाए. और मैंने उसे कहा की
रूको मैं अभी आता हूँ तो उसने कहा की कहाँ जा रहे हो तुम. तो मैने कहा की बस दो मिनट मे आया और मैं भाग के गया और जिस
चादर पर बाऊजी ने खाना खाया था. वो चादर
उठा कर लाया और फिर उसे वहाँ पर बिछा दिया. और मैने प्रियांशु के सभी कपड़े उतार दिये और प्रियांशु को पूरा नंगा कर दिया. और
अपने भी सारे कपड़े उतार लिये. प्रियांशु के
बड़े बड़े सन्तरे पपीते की तरह हवा मे झूल रहे थे. मैने प्रियांशु को लिटा कर उसके सन्तरे को मुहं मे लेकर चूसने लगा. और मैने एक
उंगली प्रियांशु की चूत मे डालकर अंदर बाहर
करने लगा. काफ़ी देर अंदर बाहर करने से प्रियांशु की चूत बहुत गीली हो गई थी.
ganv ki ladki ko kheto me choda
और प्रियांशु ने मुझसे कहा की भैया अब रहा नही जा रहा तो
मैने भी अपने लण्ड पर थूक लगाकर प्रियांशु
की चूत लण्ड लगाया और जोर से एक धक्का लगाया और मेरा आधे से ज्यादा लण्ड सरक कर उसकी चूत मे समा गया. और फिर दो चार
धक्के मारने के बाद मे पूरा लण्ड प्रियांशु
की चूत मे समा गया और मैं प्रियांशु को चोदने लगा. उसे चोदते वक़्त मेरे मन मे एक ही ख़याल आ रहा था. की जिस तरह प्रियांशु की
चूत मे मेरा लण्ड गया है. इस चुदाई से तो ये
साफ हो जाता है की प्रियांशु पहले भी कई बार चुद चुकी है. लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नही पड़ता की मेरी बहन किससे चुद्वाती
है. क्योकि वो तो इतनी सेक्सी माल है की
उसे चोदने के लिए कोई भी तैयार हो जाए और इसी उधेड़ वन मे प्रियांशु को करीब 20 मिनट से में ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था. और प्रियांशु भी खूब आवाज़ निकाल
रही थी आआआहाल्ह भैया और छोड़ो मुझे में
झड़ने वाली हूँ. तब मैने और तेज़ धक्के मारने शुरू कर दिये. और प्रियांशु झड़ गई इधर में भी झड़ने वाला था. थोड़ी देर बाद
मैं भी झड़ गया. जैसे ही में ने अपना लण्ड प्रियांशु
की चूत मे से बाहर निकल कर हम खड़े हुए तो हम दोनो के होश उड़ गये सामने पापाजी खड़े थे. उन्हे देख कर हम दोनो की
ज़ुबान पर जैसे ताला लग गया था.
और फिर पापाजी आगे आए और मुझे समझ नही आ रहा था. की में
उनसे क्या कहूँ तभी पापाजी आगे आए और उन्होने प्रियांशु की गांड पर हाथ फेरा और
कहा की अरे प्रियांशु तू तो शहर जा कर और भी कड़क माल बन गई हो. इसे सुन कर तो
हमारी जान मे जान आई. और फिर क्या था. प्रियांशु ने झट से घुटनो के बल बैठ कर पापाजी
के लण्ड को बाहर निकल लिया. पापाजी का लण्ड 9 इंच लंबा और दो इंच मोटा है. फिर प्रियांशु ने पापाजी का
लण्ड को सहलाते हुए कहा की इतने मोटे ताज़े लण्ड हमारे घर मे ही है. आप यह कहानी गन्दीकहानीडॉट इन पर पढ़ रहे है |
और में ऐसे ही बाहर के मर्दो से चुद्वाती रही. और फिर प्रियांशु ने पापाजी
का लण्ड मुहं मे ले लिया और चूसने लगी उसे
देखा मेरा लण्ड भी फिर से खड़ा हो गया. और मैं भी प्रियांशु के सामने जा कर खड़ा हो गया. तभी प्रियांशु ने मेरा भी लण्ड हाथ मे
ले लिया. और उसे भी चूसने लगी काफ़ी देर के
बाद पापाजी लेट गये. और प्रियांशु पापाजी के लण्ड पर अपनी चूत को लगाकर बैठ गई फिर और पापाजी धक्के मारने लगे. पहले तो थोड़ी
देर तक प्रियांशु ने मेरा लण्ड चूसा फिर मैने
अपने हाथ मे लेकर अपना लण्ड सहलाने लगा. और जब मुझे पीछे की वार मिल गया तो प्रियांशु की गोरी गांड देखकर मेरे मुहं मे
पानी आ गया था.
मैने अपने लण्ड पर तोड़ा सा थूक लगाया. और पीछे से प्रियांशु की गांद के गुलाबी छेद पर लगाया. तो प्रियांशु ने पीछे देखकर मुझे एक स्माइल दी तो जैसे उसने हाँ भर दी फिर क्या था. मैने एक ज़ोर दार धक्का मारा और मेरा लण्ड प्रियांशु की गांड मे फिसलता हुआ चला गया. फिर हम दोनो ने धक्के मारने शुरू कर दिये और प्रियांशु आवाज़े निकल रही थी. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | आआहाआआहहाहा पापाजी और तेज़ और तेज़ और पापाजी भी और तेज़ मारने लग गये करीब 30 मिनट के बाद हम लोग बारी बारी से झड़ गये और फिर प्रियांशु ने मेरा और पापाजी का लण्ड चूस कर साफ किया. और फिर हमने अपने कपड़े पहन कर बाहर आ गये. फिर हम दोनो घर आ गये उस दिन रात को भी माँ के सोने के बाद हम तीनो ने छत पर चुदाई की जब तक हमारी छुट्टियां थी हमने चुदाई के खूब मज़े लिए. और फिर प्रियांशु अपने कालेज चली गई. और में अपनी जॉब पर चला गया. अब भी में रोज़ शाम को प्रियांशु से फ़ोन पर बात करता हूँ. अभी कुछ दिनो के बाद में दीवाली की छुट्टीयां ले कर घर जाऊंगा और प्रियांशु भी आएगी तो हम फिर से चुदाई करेंगे.