प्यार के चक्कर में चुद गई कुंवारी चूत
हैलो दोस्तों मेरा नाम नयना है, हम कुल 3 भाई बहन है, मैं, मेरी बड़ी दीदी संजना और एक मेरा छोटा भाई। मेरी उम्र अभी 25 साल है। आप मुझे निहायती खूबसूरत और गजब की फिटनेस वाली बंदी कह सकते हो, मेरी खूबसूरती और फिटनेस देख के लोगो के मुंह खुले के खुले रह जाते है। और ये सब देख मुझे और फिट रहने का उत्साह मिलता रहता है। मैं दिल्ली के पास ही रेवाड़ी की हूं। यह कहानी कुछ साल पहले जब कई 18 की था तब शुरू हुई थी।मेरी स्कूल की पढ़ाई खत्म होते होते, संजना दीदी की शादी हो गई, जीजू बड़े हैंडसम थे और संजना दीदी भी एक नंबर की माल थी। स्कूल के बाद, आगे की पढ़ाई के लिए मैंने दिल्ली के आयुर्वेद कॉलेज में दाखिला ले लिया। शुरू में तो मैं गर्ल्स पीजी में रहती थी, लेकिन फिर धीरे धीरे मेरी कुछ फ्रेंड्स बन गई और हमने रेंट पे छोटा अपार्टमेंट ढूंढना शुरू कर दिया, क्योंकि पीजी में रेंट भी ज्यादा था और खाना भी अच्छा नहीं था, और बाहर निकलने में भी काफी बंदिश थी।
कुछ दिनों तक खूब ढूंढने पर, हमे कॉलेज के पास ही टॉप फ्लोर पर एक 2बीएचकेफ्लैट मिल गया। और हम 3 फ्रेंड्स ने मिल कर उसे रेंट पे ले लिया।
श्रृद्धा कपूर की चुत चुदाई
हमारा मकान मालिक एक 30 साल के आस पास का हट्टा कट्टा नौजवान था। उनका नाम अभय था, उनका डाइवोर्स हो चुका था, लेकिन दिखने में एक दम मर्दाना और शानदार पर्सनालिटी वाला था। मकान देखने के बाद मेरी फ्रेंड्स बोली थी की मकान पसंद आए न आए, लेकिन ये अंकल टाइप मेटेरियल तो मस्त है। तो मैने कहा की ये कहां से अंकल लगता है। लेकिन उस वक्त तक हमारी उम्र 18 साल थी तो उसका कहना भी उचित ही था।
हम अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गए। धीरे धीरे उम्र के साथ साथ हमारे रंग बदलने लगे और पर निकलने लगे। करीब एक साल में ही हम सब ने एक एक बॉयफ्रेंड बना लिए और वो लोग कभी कभी हमारे फ्लैट पे भी आते थे। और हम में से जिसको भी मिलना होता वो उस दिन छुट्टी रख लेती बाकी सब कॉलेज चली जाती ऐसे दिन मस्त गुजर रहे थे।
एक दिन फ्लैट पे मेरा बॉयफ्रेंड आया हुआ था, और हम लोग रोमांस के चक्कर में ढंग से गेट की कुंटी लगाना भूल गए और सामने के हाल में ही रोमांस चल रहा था। अभी तक हमने सिर्फ चुम्बनi वगैरा ही की थी, और जीवन में पहली बार मैं पूरी तरह से टॉप लेश थी और एक शॉर्ट स्कर्ट में थी। मेरा बॉयफ्रेंड मेरे बूब्स चूसने में लगा हुआ था, दोस्तो क्या बताऊं पहली बार में यह गजब का अनुभव था, इसलिए मैं आंखे बंद किए अपने बॉयफ्रेंड के सर के बाल नोच रही थी, की अचानक हमारा मकान मालिक आ गया और उसने जैसे ही गेट को बजाते हुए धक्का दिया, गेट खुल गया और हम दोनो पकड़े गए। लेकिन मकान मालिक अभय जिनको हम sir बुलाते थे, वो गजब के व्यक्तित्व के धनी थे, इसलिए उन्होंने गेट खुलते ही अंदर झांका तो उनकी आंखे एक पल के लिए नंगे शरीर और नई जवानी पर अटक गई । फिर उन्होंने हाथ के हाथ गेट बंद किया और वापस चले गए। मैं बहुत डर गई थी।
लेकिन कुछ दिन तक उन्होंने कुछ नही बोला तो थोड़ी जान में जान आई।
अब महीने के अंत में जब मैं रेंट देने गई तो मुझे बड़ी शर्म आ रही थी और डर भी लग रहा था की आज ना जाने ये क्या धमकी देगा।
पर जैसा कि मेने पहले बताया अभय सर गजब के व्यक्तिव के धनी थे। उन्होंने ऐसी वैसी धमकी देने के बजाय रेंट लेने के बाद मेरी ओर हाथ बढ़ाया और बोले फ्रेंड्स ?
मैं क्या बोल सकती थी, इसलिए मैं चुप रही। तो उन्होंने बोला की अब हुई विश्वास नहीं है।
तो मैने जैसे तैसे हाथ मिला लिया।
तो उन्होंने बोला देखो एक तो तुम लोग इतनी छोटी सी उम्र में इतने मजे कर रहे हो, वो भी गेट खुला छोड़ के और इधर तुम्हारा ये दोस्त तलाकशुदा है और अकेला मार रहा है। इसलिए ये शर्म का नाटक तो बंद करो और मेरी भी एक गर्लफ्रेंड बनवा दो।
तो मैने कहा की मेरी फ्रेंड्स तो आपसे छोटी है, तो उन्होंने बोला की कोई सीनियर या बड़ी लड़की ढूंढ दो, कोई मजबूरी नही है लेकिन दोस्त की केयर भी तो दोस्त ही करते है।
उस दिन मैं जैसे तैसे निपटा के वापस आ गई, फिर जब भी वे मिलते तो मुझे थोड़ा सा आंखो से छेड़ देते और हाल चाल पूछ लेते। धीरे धीरे मैं उनके साथ थोड़ा खुल गई और एक दोस्त ई तरह बात करने लगी।
ऐसे करते करते मैं फाइनल ईयर में आ गई और इधर मेरी दीदी की शादी को 3 साल हो चुके थे, सब बढ़िया चल रहा था। लेकिन इस बार जब दिवाली पर दीदी घर आई तो वो थोड़ा परेशान सी दिख रही थी तो मैने पूछा की क्या हुआ?
दोस्तों, मैं और मेरी दीदी एक दम दोस्त की तरह ही है, एक दूसरे के साथ फूल खुले हुए है। अच्छी गंदी हर बात शेयर करते है।
तो मेरे पूछने पे उन्होंने बताया की कुछ नही यार ससुराल वाले रोज बच्चो के बारे में पूछते है लेकिन यहां कुछ बात बन नही रही।
तो मैने पूछा क्यों जीजू कुछ करते नही है क्या ?
तो संजना दीदी बोली अरे करते तो रोज है और बाकी सब तो ठीक है लेकिन वो बाप नही बन सकते।
मैने कहा की DR को दिखा दो।
तो दीदी बोली की यार बहुत जगह चेक करवा दिया, एम्स में भी गए थे, लेकिन सब बोलते है की तुम्हारे जीजू के शुक्राणु सही से नहीं बनते।
तो मैने पूछा की अब क्या करोगी फिर।
तो दीदी बोली की यार हम एक दूसरे के साथ खूब खुश है, बस यही एक कमी है। ससुराल वाले रोज पूछते रहते है, तो उन्हे क्या कहें।
तो मैने बोला की उन्हे बता दो पूरी बात।
तो दीदी बोली की उन्हे बता के भी कोई फायदा तो होने वाला नहीं उल्टा तुम्हारे जीजू की ही इज्जत कम होनी है।
तो मैने पूछा की अब क्या करोगे?
तो दीदी ने बताया, की यार हम दोनो ने तो मिले ये प्लान बनाया की मैं किसी जिगोलो (कॉल बॉय) से प्रेग्नेंट हो जाऊ। और बस बाकी सब तो मस्त चल रहा है।
मुझे थोड़ा अजीब सा लगा पर मैं भी क्या बोलती इसलिए चुप रही।
फिर दीदी बोली की लेकिन यार जिगोलो भी तो पता नहीं किन किन के साथ सोते है इसलिए सुरक्षित नही है।
और किसी अजनबी से कैसे बात करें।
ये सब सुन कर मेरे दिमाक के फ्यूज उड़ गए, लेकिन वो भी सही थी अपनी जगह पर।
तो उन्होंने बताया की यार देख, ट्यूब बेबी, या दूसरे से स्पर्म का इस्तेमाल तो होना ही है।
तो क्यों न नेचुरल ही ट्राई कर लिया जाए, उनका भी प्लान बुरा नही था, क्योंकि वो दोनो ही एक दूसरे के साथ खुश थे ये बस एक दो बार की बात थी।
हमारा मकान मालिक एक 30 साल के आस पास का हट्टा कट्टा नौजवान था। उनका नाम अभय था, उनका डाइवोर्स हो चुका था, लेकिन दिखने में एक दम मर्दाना और शानदार पर्सनालिटी वाला था। मकान देखने के बाद मेरी फ्रेंड्स बोली थी की मकान पसंद आए न आए, लेकिन ये अंकल टाइप मेटेरियल तो मस्त है। तो मैने कहा की ये कहां से अंकल लगता है। लेकिन उस वक्त तक हमारी उम्र 18 साल थी तो उसका कहना भी उचित ही था।
हम अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गए। धीरे धीरे उम्र के साथ साथ हमारे रंग बदलने लगे और पर निकलने लगे। करीब एक साल में ही हम सब ने एक एक बॉयफ्रेंड बना लिए और वो लोग कभी कभी हमारे फ्लैट पे भी आते थे। और हम में से जिसको भी मिलना होता वो उस दिन छुट्टी रख लेती बाकी सब कॉलेज चली जाती ऐसे दिन मस्त गुजर रहे थे।
एक दिन फ्लैट पे मेरा बॉयफ्रेंड आया हुआ था, और हम लोग रोमांस के चक्कर में ढंग से गेट की कुंटी लगाना भूल गए और सामने के हाल में ही रोमांस चल रहा था। अभी तक हमने सिर्फ चुम्बनi वगैरा ही की थी, और जीवन में पहली बार मैं पूरी तरह से टॉप लेश थी और एक शॉर्ट स्कर्ट में थी। मेरा बॉयफ्रेंड मेरे बूब्स चूसने में लगा हुआ था, दोस्तो क्या बताऊं पहली बार में यह गजब का अनुभव था, इसलिए मैं आंखे बंद किए अपने बॉयफ्रेंड के सर के बाल नोच रही थी, की अचानक हमारा मकान मालिक आ गया और उसने जैसे ही गेट को बजाते हुए धक्का दिया, गेट खुल गया और हम दोनो पकड़े गए। लेकिन मकान मालिक अभय जिनको हम sir बुलाते थे, वो गजब के व्यक्तित्व के धनी थे, इसलिए उन्होंने गेट खुलते ही अंदर झांका तो उनकी आंखे एक पल के लिए नंगे शरीर और नई जवानी पर अटक गई । फिर उन्होंने हाथ के हाथ गेट बंद किया और वापस चले गए। मैं बहुत डर गई थी।
लेकिन कुछ दिन तक उन्होंने कुछ नही बोला तो थोड़ी जान में जान आई।
अब महीने के अंत में जब मैं रेंट देने गई तो मुझे बड़ी शर्म आ रही थी और डर भी लग रहा था की आज ना जाने ये क्या धमकी देगा।
पर जैसा कि मेने पहले बताया अभय सर गजब के व्यक्तिव के धनी थे। उन्होंने ऐसी वैसी धमकी देने के बजाय रेंट लेने के बाद मेरी ओर हाथ बढ़ाया और बोले फ्रेंड्स ?
मैं क्या बोल सकती थी, इसलिए मैं चुप रही। तो उन्होंने बोला की अब हुई विश्वास नहीं है।
तो मैने जैसे तैसे हाथ मिला लिया।
तो उन्होंने बोला देखो एक तो तुम लोग इतनी छोटी सी उम्र में इतने मजे कर रहे हो, वो भी गेट खुला छोड़ के और इधर तुम्हारा ये दोस्त तलाकशुदा है और अकेला मार रहा है। इसलिए ये शर्म का नाटक तो बंद करो और मेरी भी एक गर्लफ्रेंड बनवा दो।
तो मैने कहा की मेरी फ्रेंड्स तो आपसे छोटी है, तो उन्होंने बोला की कोई सीनियर या बड़ी लड़की ढूंढ दो, कोई मजबूरी नही है लेकिन दोस्त की केयर भी तो दोस्त ही करते है।
उस दिन मैं जैसे तैसे निपटा के वापस आ गई, फिर जब भी वे मिलते तो मुझे थोड़ा सा आंखो से छेड़ देते और हाल चाल पूछ लेते। धीरे धीरे मैं उनके साथ थोड़ा खुल गई और एक दोस्त ई तरह बात करने लगी।
ऐसे करते करते मैं फाइनल ईयर में आ गई और इधर मेरी दीदी की शादी को 3 साल हो चुके थे, सब बढ़िया चल रहा था। लेकिन इस बार जब दिवाली पर दीदी घर आई तो वो थोड़ा परेशान सी दिख रही थी तो मैने पूछा की क्या हुआ?
दोस्तों, मैं और मेरी दीदी एक दम दोस्त की तरह ही है, एक दूसरे के साथ फूल खुले हुए है। अच्छी गंदी हर बात शेयर करते है।
तो मेरे पूछने पे उन्होंने बताया की कुछ नही यार ससुराल वाले रोज बच्चो के बारे में पूछते है लेकिन यहां कुछ बात बन नही रही।
तो मैने पूछा क्यों जीजू कुछ करते नही है क्या ?
तो संजना दीदी बोली अरे करते तो रोज है और बाकी सब तो ठीक है लेकिन वो बाप नही बन सकते।
मैने कहा की DR को दिखा दो।
तो दीदी बोली की यार बहुत जगह चेक करवा दिया, एम्स में भी गए थे, लेकिन सब बोलते है की तुम्हारे जीजू के शुक्राणु सही से नहीं बनते।
तो मैने पूछा की अब क्या करोगी फिर।
तो दीदी बोली की यार हम एक दूसरे के साथ खूब खुश है, बस यही एक कमी है। ससुराल वाले रोज पूछते रहते है, तो उन्हे क्या कहें।
तो मैने बोला की उन्हे बता दो पूरी बात।
तो दीदी बोली की उन्हे बता के भी कोई फायदा तो होने वाला नहीं उल्टा तुम्हारे जीजू की ही इज्जत कम होनी है।
तो मैने पूछा की अब क्या करोगे?
तो दीदी ने बताया, की यार हम दोनो ने तो मिले ये प्लान बनाया की मैं किसी जिगोलो (कॉल बॉय) से प्रेग्नेंट हो जाऊ। और बस बाकी सब तो मस्त चल रहा है।
मुझे थोड़ा अजीब सा लगा पर मैं भी क्या बोलती इसलिए चुप रही।
फिर दीदी बोली की लेकिन यार जिगोलो भी तो पता नहीं किन किन के साथ सोते है इसलिए सुरक्षित नही है।
और किसी अजनबी से कैसे बात करें।
ये सब सुन कर मेरे दिमाक के फ्यूज उड़ गए, लेकिन वो भी सही थी अपनी जगह पर।
तो उन्होंने बताया की यार देख, ट्यूब बेबी, या दूसरे से स्पर्म का इस्तेमाल तो होना ही है।
तो क्यों न नेचुरल ही ट्राई कर लिया जाए, उनका भी प्लान बुरा नही था, क्योंकि वो दोनो ही एक दूसरे के साथ खुश थे ये बस एक दो बार की बात थी।
जैसे तैसे छुट्टी खत्म करके मैं वापस लोट आई।
यहां आने के बाद मेरे दिमाक में अभय का खयाल आया, की वे उन दोनो के लिए अजनबी भी है, और सुरक्षित भी।
और तो और, अभय सर की पर्सनालिटी से लेकर फिजिक्स तक सब कुछ जीजू से बेहतर थी। और उन्हे तो ऐसे ही किसी मौके की तलास भी थी।
कुछ दिन बाद सोच समझ कर मैने दीदी से कहा की एक अजनबी आदमी तो है मेरी नजर में अगर तुम लोग चाहो तो।
तो उन्होंने पूछा की कोन?
तो मैने उन्हे पूरी स्टोरी सुनाई। तो पहले तो उन्होंने कहा की तू वहां जाकर बिगड़ गई है, फिर कहा की वाह यार कमाल का इंसान है, जो मकान मालिक होकर तुझे नंगा देखकर भी कुछ नही बोला और तेरी इज्जत भी रख ली।
फिर दीदी बोली की मैं तेरे जीजू से बात करूंगी, लेकिन तू किसी और से ये तेरा किस्सा मत सुनना। मैं तेरे जीजू से तेरी सहेली के नाम पे ये किस्सा सुनकर बात करूंगी।
कुछ दिन बाद दीदी ने बोला, की यार तेरे जीजू बोल रहे है को अगर इंसान सुरक्षित है और अच्छे गुण वाला तो हम ट्राई कर सकते है। इसलिए तू बता सब सेफ तो है ना।
तो मैने दीदी से बोला की मैने पूरा किस्सा तो सुना दिया, और मैं यहां 3 साल से रह रही हु। मैने उन्हे हर रोज देखा है। वह बहुत ही अच्छे इंसान है। और फिर मेने चुटकी लेते हुए कहा की जीजू से तगड़े भी है और सालों से अकेले भी
तो दीदी बोली चुप कर तू।
फिर कुछ दिन में हमने एक प्लान बनाया, मेने दीदी से कहा की साल के लास्ट में बड़े दिनों छुट्टियों में हम सारी फ्रेंड्स 2 दिन के लिए शिमला जा रहे है, और तुम मेरे यह आ जाओ, दो दिन बाद जब हम वापस आए, तब वापस चली जाना, तो ससुराल वाले भी मान जायेंगे, और तुम्हारा काम भी बन जायेगा।
कुछ देर सोचने के बाद दीदी ने बोला यार टाइमिंग तो परफेक्ट है। उन्ही दिनों मेरे ओवोलेशन का टाइम भी होता है, तो आसानी से कंसीव हो जायेगा।
तो मैने दीदी से बोला की अगर तुम्हारी और से हां है तो मैं अभय से बात कर लेती हु। और मैं अभय को बता दूंगा की तुम मेरी गांव की फ्रेंड हो।
तो दीदी ने कहा अगले दिन जीजू से पूछ कर हां कर दी।
अगले दिन मेने अभय एस कहा की मैं तुम्हारे लिए एक गर्लफ्रेंड ढूंढी है। लेकिन वो सिर्फ दो दिन के लिए आपकी गर्लफ्रेंड बनेगी।
तो अभय ने कहा की दो दिन, ये कैसी गर्लफ्रेंड है।
तो मैने कहा की यही है देख लो।
तो उन्होंने माना कर दिया की दो दिन में वो क्या कर लेगा, उसे क्या फायदा।
तो मैने कहा की दो दिन में सब हो जायेगा लेकिन एक शर्त है।
तो उन्होंने पूछा की बताओ?
तो मैने उसे सारा प्लान बताया की दो दिन हम लोग घूमने जा रहे है और तुम लोग खूब मजे करना, बस दो दिन में मेरी फ्रैंड को प्रेग्नेंट कर देना ( बोलो है न मजेदार डील)
तो अभय ने कहा की यार डील तो मजेदार है लेकिन तुम बुरा न मानो तो एक बात बताऊं?
तो मैने बोला की बताओ।
तो अभय बोला की यार जब से तुम्हें नंगा देखा है ना, तब से तुम आंखो में बस गई हो कोई और लड़की पसंद की नही आती।
काश वो दो दिन तुम्हारे साथ होते।
मैने मन ही मन सोचा की अच्छा बेटा, दोनो बहनों की लेगा।
फिर कुछ देर चुप रहकर मेने कहां की देख लो, यही ऑफर है।
तो उसने बोला की तुम देख लो जैसा तुम्हे ठीक लगे लेकिन हमारी दोस्ती खराब न हो।
तो मैने बोला कुछ खराब नही होगी ओट मेरी फ्रैंड भी तगड़ी माल है आप मुझे भूल जाओगे।
तो वो खुश होते हुए बोला की अच्छा, तो फिर देख लो तुम
उनसे बात करके मैंने सारा प्लान फिक्स करके हमने टिकट बनवा लिए।
हमारे जाने से ठीक एक दिन पहले, मेने छूटी रख ली और बाकी सब फ्रेंड्स कॉलेज गई हुई थी। और दोपहर तक दीदी भी आ गई। फिर मेने चाय चढ़ाई और अभय को हुई बुला लिया।
दीदी और अभय को मिलवाया और हम सबने बैठ कर चाय नाश्ता किया, दीदी अभय को देख के शर्मा रही थी तो मैने अभय को कहा की संजना यही है दो दिन और हम सब लोग घूमने जा रहे है तो आप इनका अच्छे से खयाल रखना।
अभय ने कहा की आपका हुकुम सर आंखों पी सरकार।
अगले दिन हम सब सुबह जल्दी ही सिमला के लिए निकल गए और दीदी घर पे ही रही।
दो दिन की खूब घुमाई के बाद जब हम वापस लोट तो दीदी थक के सोई पड़ी थी और गले में चुनी डाल रखी थी।
उस दिन खाना खा के सोने के टाइम मेने दीदी से पूछा तो कैसा रहा फिर मैडम?
तो दीदी ने कहा की कैसा क्या हालत खराब रही जानेमन।
तो मैने पूछा क्यों काम बना नही क्या
तो दीदी बोली की काम बना ही नही बल्कि काम तमाम भी हो चुका है यार।
तो मैने पूछा कैसे, तो दीदी ने मेरे काफी पूछने पे बताया की यार मेने तो आज तक तुम्हारे जीजू को छोड़ के किसी को दी नही थी, और अभय तो आवारा घोड़ा निकला।
तो मैने भी इंटरेस्ट से पूछा की अच्छा बता तो क्या हुआ फिर।
तो दीदी ने अपनी चुनी हटाई और दिखाया तो मैने देखा की दीदी की गर्दन पे बड़े बड़े लाल लाल निशान बन रखे थे।
दीदी ने बताया की यार अभय का हथियार तुम्हारे जीजू से लगभग दो गुना होगा, और उसने दो दिन जो मेरी ली है, क्या बताऊं, उसने दो दिन में मेरी 6 बार ली है। पहली बार ऐसा लगा की किसी ने मुझे सच में चोद दिया हो। अभी भी दोनो पैरो के बीच उसका हथियार फील हो रहा है, और ठीक से चला भी नहीं जा रहा। मेरी सूज कर कुप्पा हो गई है, उन्होंने बूब्स की तरफ इशारा करते हुए बोला की ये देख यार ऐसा लगता है मेरे बूब्स भी बड़े हो गए दो दिन में।
दीदी को बातें सुन सुन कर मेरी भी गीली होने लगी थी, क्योंकि मेने भी दो तीन बार ही दी थी, और मेरे बॉयफ्रेंड का भी छोटा सा ही था, क्योंकि वो मेरी ही उम्र का था।
अगले दिन मैं दीदी को बस स्टैंड तक छोड़ने गई, और दीदी चली गई।
सब कुछ फिर से नॉर्मल चलने लगा, दीदी प्रेग्नेंट हो चुकी थी, ससुराल वाले भी खुश थे और जीजू भी, करीब 9 महीने बाद दीदी के एक लड़की हुई।
इसी बीच अभय ने बताया की कई बार उनकी अरुण और संजना से बात होती है, वो दोनो खुश है।
मैं सोच रही थी की शायद दीदी ने जीजू को अभय से बात करवाई होगी।
सब बहुत खुश थे
देखते देखते दीदी की लड़की खुशी 1 साल की हो गई।
इसी बीच कोरोना आ गया और हम सब पढ़ाई छोड़ के गांव आ गए, लेकिन दीदी अपने ससुराल नोएडा में ही थी।
अचानक एक बुरी खबर आनी शुरू हुई, दीदी को कोरोना हो गया।
हालांकि ने जान लगा दी, उनके इलाज में लेकिन पहले फेस के कोविड से बचना ना मुमकिन सा हो गया और कुछ दिन बाद ही दीदी चल बसी।
हम दोनो घरों पर दुख के बदल मंडरा रहे थे। इसी बीच दीदी की लड़की को हम लोग अपने गांव ले आए और उसकी परवरिश करने लगे कुछ दिन रोने धोने के बाद अब वो यह मन लगाने लग गई।
कुछ महीनो बाद दोनो घरों में खिचड़ी पक्की और मेरी शादी मेरे जीजू से कराने का फैसला हुआ।
अब मैं और जीजू दोनो ही फस चुके थे। ना तो हम शादी से मना कर सकते थे और न ही ये बता सकते थे की खुशी जीजू की नही बल्कि दीदी और अभय की लड़की है।
करीब एक महीने की ना निकर के बाद हम दोनो को हथियार डालने पड़े।
हमारी शादी हो गई।
अब जीजू अरुण जो की मेरे पति बन गए थे, मेरा खूब खयाल रखते, हालांकि वो अच्छे इंसान भी थे।
बीच बीच में कभी कभी अभय से मेरी बात होती रहती थी।
उन्हे भी मेने बताया की अब मेरी शादी हो गई है और वो मेरे सपने छोड़ दें
इधर खुशी की जिंदगी के साथ साथ हमारी सेक्स लाइफ भी ठीक ठाक चल रही थी, हम दोनो रोज चुदाई करते, अभय का लंड मेरे बॉयफ्रेंड से थोड़ा बड़ा था। इसलिए मुझे खूब मजे आते।लेकिन साल भर बाद फिर से जिंदगी उसी मोड़ पे आ खड़ी हुई।
ससुराल वाले अब एक पोता चाहते थे।
हम दोनो उन्हे समझते रहे की खुशी ही काफी है और हम दोनो एक और बचा नही चाहते।
लेकिन ससुराल वालों के साथ साथ मेरे घर वाले भी प्रेशर डालने लगे और हम दोनो की मुस्कुल बढ़ती गई।
अब हम दोनो ने सोचना शुरू कर दिया की क्या किया जाए, तो हम दोनो ने एक बार फिर से चेकअप करवाया, लेकिन परिणाम वही निकला।
बहुत कुछ सोचने के बाद अरुण फिर से वही पहुंच गए। बोले की मेरी भी कैसी किस्मत है 2, 2 बीवियां मिली पर दोनो को किसी और के साथ शेयर करना पड़ गया।
तो मैने चुप रही। खेर कुछ दिन बाद अरुण ने बताया की कैसे संजना दीदी अपनी फ्रेंड्स के फ्लैट पे किसी अजनबी के साथ दो दिन रह कर प्रेग्नेंट हुई थी। मैं मन ही मन सोच रही थी की वो फ्रेंड मैं ही थी और वो मेरे ही फ्लैट पे आई थी, और वो अजनबी नही मेरा मकान मालिक अभय ही था।
तो जीजू ने बताया की अगर तुम राजी हो तो हम एक बार फिर से ट्राई कर सकते है।
(मैं भी मन ही मन सोच रही थी, की अब तो शायद अभय को देनी ही पड़ेगी और जिस प्रकार दीदी बता रही थी, उस हिसाब से तो अभय मेरी जमा के लेगा।
क्योंकि मैं अभय का पुराना क्रश थी। उसने मेरे सालों तक सपने देखे है।)
मैने कहा जैसा आपको उचित लगे।
फिर कुछ दिन बाद अरुण ने बोला की मैने उसी इंसान से बात कर ली है उसका नाम अभय है, अगर तुम राजी हो तो हम चलते है।
दिल्ली में उसका फ्लैट है हम कुछ दिन वही रुक सकते है वह रेंट भी नही लेगा और उसी का घर है तो कोई प्रोब भी नही होगी।
मैने कहा देख लो जो आपको उचित लगे।
उधर से अभय का मैसेज आ गया की आ जाओ जान अब कहा जाएगी इस बार हक से लूंगा तुम्हारी।
मैने वापस रिप्लाई किया की अरुण को मत बताना की, मैं पहले यहां रहती थी और वो सब पुरानी बातें।
इस प्रकार सब कुछ प्लान हो गया।
अब मैं 18 की नही 25 की हो गई थी और मेरी फिटनेस तो वैसी ही थी लेकिन फिगर बढ़ गया था, मेरा पिछवाड़ा मोड़ा और चौड़ा हो गया था। बूब्स साइज बढ़ गया था और अब मैं V shape एक भरी पूरी लड़की हो गई थी।
अगले वीकएंड पर हम नोएडा से दिल्ली वाली बस में बैठ गए और घर पर 3,4 दिन ऋषिकेश घूम कर आने का बोल दिया।
अब जैसे जैसे हम दिल्ली की तरफ जा रहे थे मेरी धड़कने बढ़ रही थी की आने वाले 4,5 दिन घमासान ठुकाई होने वाली है।
सुबह करीब 10 बजे निकले थे और ट्रैफिक होने के कारण दोपहर के करीब 2 बजे हम वहा पहुंचे। अभय कार लेकर हम लेने आए। उन्होंने अरुण से हाथ मिलाया और मुझे हेलो बोला और फिर हम कार में बैठ कर चल पड़े करीब 3 बजे हम फ्लैट पर पहुंच गए समान वगैरा रखने के बाद अभय ने कहा आपको किसी और चीज की जरूरत हो तो बता देना। बाकी हम शाम को मिलते है।
अरुण ने भी अभय को बोल दिया की आज शाम को आप यही रुक जाना और फिर बाय कहकर अभय चल पड़ा।
अभय के जाने के बाद……..
आगे की स्टोरी अरुण की जुबानी……
अरुण:-
दोस्तों मेने तो सोचा था अभय कोई साधारण सी कद काठी वाला होगा, मैने तो उसे पहली बार देखा है, ये तो तगड़ा हट्टा कट्टा मर्द है। सच बताऊं तो इसने मेरी पहली बीवी संजना की इतने खतरनाक तरीके से ली थी। की जब वह वापस आई तो उसकी बॉडी पे जगह जगह निशान थे और इसने दो दिन में ही चोद चोद के संजना की चूत ढीली कर दी थी, और सूजा दी थी, इसे देख कर अब समझ में आया की उसने संजना की क्या ली होगी।
Beti ko Chudwate Huye Baap ne Pakda
खेर आज शाम को मेरी दूसरी बीवी नयना की बारी थी, जो की संजना से छोटी टाइट और कहीं ज्यादा खूबसूरत और नशीली है।
मैं सोच रहा था की कैसे न कैसे करके आज मैं इसको अपनी बीवी को चोदते हुए देखूंगा।
फिर मैने सोचा की यार मेरी ही तो बीवी है क्यों न मैं पहले ही सब सेटअप कर लेता है।
इतना सोचने के बाद मैं नयना के पास गया और बोला की नयना मैं आज इसे तुम्हारे साथ देखना चाहता हु, क्योंकि इसने तुम्हारी दीदी दी दो दिन में ही फाड़ दी थी।
पहले वो कुछ नही बोली, फिर वो बोली की लेकिन कैसे देखोगे।
तो मैने उसे कहा की देखो मैं तुम्हारे रूम में कमरा सेट कर देता हु और फिर मैं मोबाइल पे देखता रहूंगा तो तुम्हे भी डिस्टर्ब नहीं होगा और मैं देख भी पाऊंगा।
इतना कहकर मैं मार्केट से कैमरे लाने चला गया और कुछ देर में ही 2 छोटे छोटे कैमरे ले आया और दोनो को रूम में दोनो साइड छुपा के सेट कर दिया और वायरलेस मोबाइल से कनेक्ट कर लिया।
फिर शाम को अभय एक बैग लेकर आए। उन्होंने उसमे से एक शराब की बोतल निकाली और बैग थमाते हुए बोले की इसमें आप लोगो के लिए कुछ खाने पीने का सामान, कुछ नयना की ड्रेसेज है।
फिर हम लोगो ने थोड़ी थोड़ी शराब पी और फिर अभय ने कहा आप लोग खाना वगैरा खाओ तब तक मैं घर होकर आता हु।
हम लोगो को शराब का हल्का-हल्का नशा हो गया था और फिर हम बैग में से खाना निकाल कर खाने लगे।
खाना कहने के बाद मैने बैग में से जैसे ही ड्रेसेज निकली तो मैं देखता ही रह गया, अभय फूल सेक्सी ब्लैक, रेड, मिडनाइट ब्लू कलर की स्टैन वाली 3 छोटी छोटी ड्रेसेज लाया था।
नयना शायद शर्मा रही थी पर फिर भी लड़की थी तो ड्रेसेज देखने के लिए रुक नही पाई।
और फिर कहने लगी की यार ड्रेसेज तो बहुत ही सुंदर है लेकिन …. और फिर कहते कहते रुक गई
मैं मन ही मन जल रहा था की ये साला ऐसे ही ड्रेसेज में सेक्सी माहोल बना के ठोकेगा आज मेरी नयना को।
उनमें से एक ब्लैक कलर की बहुत ही हॉट ड्रेस थी, तो मैने नयना को वो वाली ड्रेस देते हुए बोला की जाओ अब, कर आओ चेंज, आ गई ड्रेस भी, जरा मैं भी देख तो लूं , उस से पहले की तुम कैसी लगती हो इसमें।
नयना चुप चाप वाशरूम में चली गई और जब चेंज करके आई तो मेरी आंखे खुली की खुली रह गई।
आज मेरी बीवी मेरी बीवी नही कोई और ही लग रही थी।
उसने अपने होटों पे हल्की हल्की ग्लो जैसी लिपस्टिक लगाई और लाइनिंग वागरा करके एक दम मस्त होके बाहर आई।
ब्लैक ड्रेस में उसकी गोरी गोरी मोटी, चिकनी और टाइट टांगे, उसके बड़े बड़े गोरे बूब्स का क्लेवेज और उसकी डीप बैक साफ साफ दिख रही थी, उसे देखकर मेरा भी लंड फड़फड़ा उठा। आज वो किसी बॉलीवुड की हरामी सिड्यूस करने वाली हीरोइन जैसी लग रही थी।
मुझे समझ में आ गया की आज अगर नयना ना चाहे तब भी वो डबल चुदेगी। क्योंकि इतनी हॉट लड़की को तो हर कोई जी भरके ही चोदेगा।
मेरे मन में आग लग गई और फ्लैट टॉप फ्लोर वाला था, तो मैने नयना को कहा की मैं ऊपर जा रहा हु और अभय आए और पूछे तो कहना मैं किसी काम से बाहर गया हु, और अपने आप आ जाऊंगा और मैंने गेट की एक चाबी लेकर ऊपर चला गया छत पे।
करीब एक 30 मिनट बाद अभय आया। गेट की बैल बजी तो मैं समझ गया की अभय आ गया है।
फिर मेने एक सिगरेट जलाई और मोबाइल ऑन करके देखने लगा, लेकिन कैमरे बेडरूम में लगे थे तो अभी मुझे कुछ नही दिख रहा था। मैं सोच रहा था की अभय ने कहीं नयना को हॉल में हि तो नही चोदना शुरू कर दिया। पर मैं गलत था।
करीब 5, 10 मिनट इंतजार के बाद बेडरूम का दरवाजा खुला आगे आगे नयना और पीछे नयना को हग करके चिपका हुआ अभय कमरे में घुसते हुए। अभय ने पैंट नही उतर दी थी और सिर्फ अंडरवीयर में थे, नयना के बाल खुले हुए और गर्दन के एक साइड आगे की तरफ किए हुए थे और पीछे से अभय चिपके चिपके ही उसकी गर्दन पे पागलों की तरह लिप किस करते हुए उसकी जांघो से लेकर बूब्स तक नीचे से ऊपर की ओर हाथ फेर रहा था। और नयना को धकेलते हुए अंदर ला रहा है।
माहोल इतना टाइट और सेक्सी था की मेरी पूरी जल गई।
वह काफी देर ऐसे ही चिपके चिपके नयना को सहला सहला के गरम करता रहा और फिर नयना के पीछे ही नीचे बैठ गया और नयना के बड़े बड़े कूल्हों पे किसी करते करते उन्हे चाट और काट रहा था। नयना भी ऊपर मुंह करके तड़फ रही थी। फिर नयना से सहन नही हुआ तो वो एक दीवार पे दोनो हाथ रख कर खड़ी हो गई और अपनी गांड पीछे की तरफ निकल दी ताकि अभय उसके कूल्हों और चूत को अच्छे से चाट सके।
अभय करीब 15 मिनट तक उसके चूतड़ चाटता रहा, और फिर उठा तो मैने देखा की अभय का लोड़ा अंडरवीयर फाड़ के बाहर आने वाला हो रखा था।
अभय का लोड़ा किसी घोड़े के लोड़े जैसा लग रहा था मैं तो उसे अंडरवियर के अंदर देखकर ही दर गया।
फिर उसने नयना को एक मुड़े टाइप बैठने वाले छोटे स्पोर्ट पे बैठाया और खुद उसके सामने खड़ा हो गया और नयना के हाथ पकड़ के अपने लोड़े पे रखा दिए।
पहले तो नयना थोड़ी शरमाई पर तभी अभय ने नीचे झुक के नयना के बूब्स दबाते हुए, होटों पर एक जोर दार चुम्बन किया और फिर से खड़ा हो गया। अब नयना धीमे धीमे अभय के लंड को सहलाने लगी और फिर जैसे ही नयना ने अभय का अंडरवीयर नीचे खींचा तो अभय का विशाल काय लोड़ा फनफनाते हुए नयना के मुंह पे जा लगा।
नयना अभय का लोड़ा देखते ही दर गई थी, कैमरे में भी साफ साफ नजर आ रहा था।
फिर अभय ने नीचे झुक के नयना के बूब्स सहलाए तो एक और जबरदस्त चुम्बनi की और फिर अपना लोड़ा पक्कड कर नयना के मुंह पर रगड़ना स्टार्ट कर दिया। थोड़ी देर बाद जैसे ही अभय ने लोड़ा नयना के होटों पे रगड़ना स्टार्ट किया तो नयना ने हल्के हल्के हॉट खोल दिए और अब अभय अपना लोड़ा नयना के होटों के अंदर तक रगड़ना स्टार्ट कर दिया।
फिर अभय ने नयना के बाल पकड़े को मुंह को अपनी ओर खींचा तो नयना ने मुंह खोल दिया और अभय का लंड नयना में मुंह में चला गया। अब नयना भी गरम हो चुकी थी और वह अभय के लोड़े को चूसने लगी।
अभय बीच बीच ने लोड़ा नयना के मुंह से निकलता नयना को चुम्बन करता और अपना लोड़ा नयना के गालों पे जोर जोर से मारता, फिर नयना ने गरम होकर आंखे बंद कर ली तो अभय ने अपने लोड़े से नयना की आंखे भी सहला दी।
अभय ने अपना गीला लोड़ा नयना के पूरे मुंह पर रगड़ा और फूल जोर जोर से लोड़े से नयना की गालों को पिता।
फिर गरम होकर नयना ने मुंह खोला और जीभ बाहर निकाल ली और अभय अपना लोड़ा हाथ में फक्कड़ कर हल्के हल्के नयना की जीभ पर मार मार के रगड़ रहा था। करीब 10 मिनट तक अपने लोड़े से नयना के मुंह को चोदने के बाद अभय ने नयना को खड़ा किया और खुद उस जगह बैठ गया।
नयना उसके सामने खड़ी थी, अभय ने थोड़ी सी देर नयना की चूत को चाटा और फिर उसे अपनी गोद में बैठा लिया।
नयना अब बिल्कुल अभय के लोड़े के ऊपर की साइड बैठी थी और अभय का लंड नयना के नीचे से आता हुआ उसकी गांड की खाई के अंदर से नयना के पीछे खड़ा दिखाई दे रहा था।
इतनी देर चुसवाने के बाद अभय का लोड़ा विकराल रूप ले चुका था। वहा से उसके लोड़े को देख कर साफ साफ पता चल रहा था की अगर नयना इसी पोजीशन में लोड़े पे तो पूरा लोड़ा अंदर जायेगा और आंधी नयना के अंदर तक पहुंच जाएगा।
अभय नयना की ड्रेस को ऊपर से कंधों से नीचे खिसका कर उसके बूब्स चूस रहा था और नयना बैंड होकर पीछे की तरफ लटकी हुई उसे बूब्स चूसा रही थी। करीब 15 मिनट तब बूब्स चूस चूस के लाल कर दिए तब अभय ने नयना के होटों पर लिप किस करना स्टार्ट कर दिया और करीब एक मिनट तक बेदर्दी से होटों को खाने के बाद उसने नयना की कमर थप थपाई।
मुझे पता चल गया था की नयना भी अब पूरी गरम होई पड़ी है और ये उसे अब अपने लोड़े पे बैठने का बोल रहा है।
फिर अभय ने नयना को खुद से छिपा लिया और नयना थोड़ा सा उठी और अभय के लोड़े को थोड़ा सा अपनी चूत पे रगड़ा और उसके ऊपर बैठने लगी।
पर जैसे ही नयना बैठने लगी नयना को पता चल गया था की उसका लंड कितना विकराल है। और वो वापस उठने लगी लेकिन अभय ने उसे वहीं पकड़ लिया और धीरे धीरे नीचे खींचे हुए उसे अपने लोड़े पे बैठता गया और नयना कसमसाने लगी, उसका मुंह खुला का खुला रह गया, और मुंह से साफ साफ लग रहा था की वो जोर जोर से चीख रही थी। और जैसे जैसे वो बैठती गई उसकी आंखो से आंसू की धार निकल निकल कर टपकाने लगी। देखते देखते उसने नयना को पूरा बैठा लिया और अब अभय का लंड नयना की चूत को फाड़ता हुआ जड़ तक अन्दर चला गया। और नयना बेहाल होकर अभय पर गिर पड़ी।
अभय ने भी नयना को जोर से खुद से चिपका लिया और धीरे धीरे नीचे से झटके देने लगा।
करीब 5 मिनट बाद नयना अभय की कमर को सहला सहला कर और जोर से चिपकने लगी तो मुझे पता चल गया की नयना का अब दर्द कम हो गया और वो फ्री हो रही है।
फिर धीरे धीरे नयना भी ऊपर नीचे होने लगी और फिर चुदाई स्पीड पकड़ गई करीब 10 मिनट ऐसे चोदने के अभय नयना को लेकर लंड अंदर डाले डाले ही खड़ा हो गया और दीवार के पास नयना को लगाकर खड़े खड़े ही 10,15 झटके मारे और नयना के हॉट चूसे, अब नयना को पता नहीं अचानक क्या हुआ की वो अभय के बालों को फक्कड़ कर उसे जोर जोर से किसी करने लगी, इधर नयना जितना जोर से चुम्बन करती उधर अभय उतना जोर जोर से झटके करता।
फिर वहा से उठा के अभय सीधा नयना को बेड पे ले गया और उसकी दोनो टांगे चौड़ी करके उसके ऊपर लेट गया। दो चार झटके मरने के बाद उसने एक तकिया लिया और खुद थोड़ा ऊपर उठा तो नयना भी अब टांगो से पक्कड़ कर अभय की कमर से चिपकी हुई थी तो उसके साथ ही वह भी उठ गई और फिर अभय ने नयना की गांड के नीचे एक तकिया लगाया।
और फिर उसके ऊपर लेट गया। अभय इतना हट्टा कट्टा था की नयना की सिर्फ हल्की सी गांड और उसका चेहरा दिख रहा था बाकी पूरी नयना अभय के नीचे दब गई थी।
अभय अब मेरी बीवी को गद्दा बनाकर उसके ऊपर लेट कर उसे छोड़ रहा था और वो उसके बालों और कमर सब जगह सहला रही थी।
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद अभय ने दो चार जोर जोर के झटकों के साथ ही सारा माल नयना की चूत में छोड़ दिया और वैसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा। नयना उसे सहलाती रही।
करीब 10 मिनट मिनट बाद जब वह खड़ा हुआ तो मेने देखा की नयना की चूत फेल कर भोसड़ा बन चुकी थी एक बार में ही।
जब अभय ने लंड बाहर निकाला तो नयना की चूत में इतना बड़ा छेद दिखाई दे रहा था की अगर मैं इस वक्त अपना लंड डालता तो नयना के टच भी नही होता और उसे छेद में पूरा चला जाता।
और अब धीरे धीरे अभय के माल की कुछ बूंदें नयना की चूत से तकिए पर टपक गई थी ।
दोस्तों क्या बताऊं पोजीशन और ड्रेसेज बदल बदल कर अभय ने 3 दिन तक नयना को खूब चोदा खूब चोदा और मैं देखता रहा।
3 दिन में अभय ने नयना को 11 बार चोदा और जब हम घर पहुंचे तो मैने देखा की नयना के बूब्स बड़े हो गए है और चूत सूज कर डबल रोटी जैसी और एक दम लाल हो गई थी।
नयना घर जाने के बाद भी करीब 3 दिन तक चौड़ी टांगे करके चलती रही।
और फिर एक हफ्ते बाद टेस्ट
करवाया तो वो पॉजिटिव थी।
खेर आज शाम को मेरी दूसरी बीवी नयना की बारी थी, जो की संजना से छोटी टाइट और कहीं ज्यादा खूबसूरत और नशीली है।
मैं सोच रहा था की कैसे न कैसे करके आज मैं इसको अपनी बीवी को चोदते हुए देखूंगा।
फिर मैने सोचा की यार मेरी ही तो बीवी है क्यों न मैं पहले ही सब सेटअप कर लेता है।
इतना सोचने के बाद मैं नयना के पास गया और बोला की नयना मैं आज इसे तुम्हारे साथ देखना चाहता हु, क्योंकि इसने तुम्हारी दीदी दी दो दिन में ही फाड़ दी थी।
पहले वो कुछ नही बोली, फिर वो बोली की लेकिन कैसे देखोगे।
तो मैने उसे कहा की देखो मैं तुम्हारे रूम में कमरा सेट कर देता हु और फिर मैं मोबाइल पे देखता रहूंगा तो तुम्हे भी डिस्टर्ब नहीं होगा और मैं देख भी पाऊंगा।
इतना कहकर मैं मार्केट से कैमरे लाने चला गया और कुछ देर में ही 2 छोटे छोटे कैमरे ले आया और दोनो को रूम में दोनो साइड छुपा के सेट कर दिया और वायरलेस मोबाइल से कनेक्ट कर लिया।
फिर शाम को अभय एक बैग लेकर आए। उन्होंने उसमे से एक शराब की बोतल निकाली और बैग थमाते हुए बोले की इसमें आप लोगो के लिए कुछ खाने पीने का सामान, कुछ नयना की ड्रेसेज है।
फिर हम लोगो ने थोड़ी थोड़ी शराब पी और फिर अभय ने कहा आप लोग खाना वगैरा खाओ तब तक मैं घर होकर आता हु।
हम लोगो को शराब का हल्का-हल्का नशा हो गया था और फिर हम बैग में से खाना निकाल कर खाने लगे।
खाना कहने के बाद मैने बैग में से जैसे ही ड्रेसेज निकली तो मैं देखता ही रह गया, अभय फूल सेक्सी ब्लैक, रेड, मिडनाइट ब्लू कलर की स्टैन वाली 3 छोटी छोटी ड्रेसेज लाया था।
नयना शायद शर्मा रही थी पर फिर भी लड़की थी तो ड्रेसेज देखने के लिए रुक नही पाई।
और फिर कहने लगी की यार ड्रेसेज तो बहुत ही सुंदर है लेकिन …. और फिर कहते कहते रुक गई
मैं मन ही मन जल रहा था की ये साला ऐसे ही ड्रेसेज में सेक्सी माहोल बना के ठोकेगा आज मेरी नयना को।
उनमें से एक ब्लैक कलर की बहुत ही हॉट ड्रेस थी, तो मैने नयना को वो वाली ड्रेस देते हुए बोला की जाओ अब, कर आओ चेंज, आ गई ड्रेस भी, जरा मैं भी देख तो लूं , उस से पहले की तुम कैसी लगती हो इसमें।
नयना चुप चाप वाशरूम में चली गई और जब चेंज करके आई तो मेरी आंखे खुली की खुली रह गई।
आज मेरी बीवी मेरी बीवी नही कोई और ही लग रही थी।
उसने अपने होटों पे हल्की हल्की ग्लो जैसी लिपस्टिक लगाई और लाइनिंग वागरा करके एक दम मस्त होके बाहर आई।
ब्लैक ड्रेस में उसकी गोरी गोरी मोटी, चिकनी और टाइट टांगे, उसके बड़े बड़े गोरे बूब्स का क्लेवेज और उसकी डीप बैक साफ साफ दिख रही थी, उसे देखकर मेरा भी लंड फड़फड़ा उठा। आज वो किसी बॉलीवुड की हरामी सिड्यूस करने वाली हीरोइन जैसी लग रही थी।
मुझे समझ में आ गया की आज अगर नयना ना चाहे तब भी वो डबल चुदेगी। क्योंकि इतनी हॉट लड़की को तो हर कोई जी भरके ही चोदेगा।
मेरे मन में आग लग गई और फ्लैट टॉप फ्लोर वाला था, तो मैने नयना को कहा की मैं ऊपर जा रहा हु और अभय आए और पूछे तो कहना मैं किसी काम से बाहर गया हु, और अपने आप आ जाऊंगा और मैंने गेट की एक चाबी लेकर ऊपर चला गया छत पे।
करीब एक 30 मिनट बाद अभय आया। गेट की बैल बजी तो मैं समझ गया की अभय आ गया है।
फिर मेने एक सिगरेट जलाई और मोबाइल ऑन करके देखने लगा, लेकिन कैमरे बेडरूम में लगे थे तो अभी मुझे कुछ नही दिख रहा था। मैं सोच रहा था की अभय ने कहीं नयना को हॉल में हि तो नही चोदना शुरू कर दिया। पर मैं गलत था।
करीब 5, 10 मिनट इंतजार के बाद बेडरूम का दरवाजा खुला आगे आगे नयना और पीछे नयना को हग करके चिपका हुआ अभय कमरे में घुसते हुए। अभय ने पैंट नही उतर दी थी और सिर्फ अंडरवीयर में थे, नयना के बाल खुले हुए और गर्दन के एक साइड आगे की तरफ किए हुए थे और पीछे से अभय चिपके चिपके ही उसकी गर्दन पे पागलों की तरह लिप किस करते हुए उसकी जांघो से लेकर बूब्स तक नीचे से ऊपर की ओर हाथ फेर रहा था। और नयना को धकेलते हुए अंदर ला रहा है।
माहोल इतना टाइट और सेक्सी था की मेरी पूरी जल गई।
वह काफी देर ऐसे ही चिपके चिपके नयना को सहला सहला के गरम करता रहा और फिर नयना के पीछे ही नीचे बैठ गया और नयना के बड़े बड़े कूल्हों पे किसी करते करते उन्हे चाट और काट रहा था। नयना भी ऊपर मुंह करके तड़फ रही थी। फिर नयना से सहन नही हुआ तो वो एक दीवार पे दोनो हाथ रख कर खड़ी हो गई और अपनी गांड पीछे की तरफ निकल दी ताकि अभय उसके कूल्हों और चूत को अच्छे से चाट सके।
अभय करीब 15 मिनट तक उसके चूतड़ चाटता रहा, और फिर उठा तो मैने देखा की अभय का लोड़ा अंडरवीयर फाड़ के बाहर आने वाला हो रखा था।
अभय का लोड़ा किसी घोड़े के लोड़े जैसा लग रहा था मैं तो उसे अंडरवियर के अंदर देखकर ही दर गया।
फिर उसने नयना को एक मुड़े टाइप बैठने वाले छोटे स्पोर्ट पे बैठाया और खुद उसके सामने खड़ा हो गया और नयना के हाथ पकड़ के अपने लोड़े पे रखा दिए।
पहले तो नयना थोड़ी शरमाई पर तभी अभय ने नीचे झुक के नयना के बूब्स दबाते हुए, होटों पर एक जोर दार चुम्बन किया और फिर से खड़ा हो गया। अब नयना धीमे धीमे अभय के लंड को सहलाने लगी और फिर जैसे ही नयना ने अभय का अंडरवीयर नीचे खींचा तो अभय का विशाल काय लोड़ा फनफनाते हुए नयना के मुंह पे जा लगा।
नयना अभय का लोड़ा देखते ही दर गई थी, कैमरे में भी साफ साफ नजर आ रहा था।
फिर अभय ने नीचे झुक के नयना के बूब्स सहलाए तो एक और जबरदस्त चुम्बनi की और फिर अपना लोड़ा पक्कड कर नयना के मुंह पर रगड़ना स्टार्ट कर दिया। थोड़ी देर बाद जैसे ही अभय ने लोड़ा नयना के होटों पे रगड़ना स्टार्ट किया तो नयना ने हल्के हल्के हॉट खोल दिए और अब अभय अपना लोड़ा नयना के होटों के अंदर तक रगड़ना स्टार्ट कर दिया।
फिर अभय ने नयना के बाल पकड़े को मुंह को अपनी ओर खींचा तो नयना ने मुंह खोल दिया और अभय का लंड नयना में मुंह में चला गया। अब नयना भी गरम हो चुकी थी और वह अभय के लोड़े को चूसने लगी।
अभय बीच बीच ने लोड़ा नयना के मुंह से निकलता नयना को चुम्बन करता और अपना लोड़ा नयना के गालों पे जोर जोर से मारता, फिर नयना ने गरम होकर आंखे बंद कर ली तो अभय ने अपने लोड़े से नयना की आंखे भी सहला दी।
अभय ने अपना गीला लोड़ा नयना के पूरे मुंह पर रगड़ा और फूल जोर जोर से लोड़े से नयना की गालों को पिता।
फिर गरम होकर नयना ने मुंह खोला और जीभ बाहर निकाल ली और अभय अपना लोड़ा हाथ में फक्कड़ कर हल्के हल्के नयना की जीभ पर मार मार के रगड़ रहा था। करीब 10 मिनट तक अपने लोड़े से नयना के मुंह को चोदने के बाद अभय ने नयना को खड़ा किया और खुद उस जगह बैठ गया।
नयना उसके सामने खड़ी थी, अभय ने थोड़ी सी देर नयना की चूत को चाटा और फिर उसे अपनी गोद में बैठा लिया।
नयना अब बिल्कुल अभय के लोड़े के ऊपर की साइड बैठी थी और अभय का लंड नयना के नीचे से आता हुआ उसकी गांड की खाई के अंदर से नयना के पीछे खड़ा दिखाई दे रहा था।
इतनी देर चुसवाने के बाद अभय का लोड़ा विकराल रूप ले चुका था। वहा से उसके लोड़े को देख कर साफ साफ पता चल रहा था की अगर नयना इसी पोजीशन में लोड़े पे तो पूरा लोड़ा अंदर जायेगा और आंधी नयना के अंदर तक पहुंच जाएगा।
अभय नयना की ड्रेस को ऊपर से कंधों से नीचे खिसका कर उसके बूब्स चूस रहा था और नयना बैंड होकर पीछे की तरफ लटकी हुई उसे बूब्स चूसा रही थी। करीब 15 मिनट तब बूब्स चूस चूस के लाल कर दिए तब अभय ने नयना के होटों पर लिप किस करना स्टार्ट कर दिया और करीब एक मिनट तक बेदर्दी से होटों को खाने के बाद उसने नयना की कमर थप थपाई।
मुझे पता चल गया था की नयना भी अब पूरी गरम होई पड़ी है और ये उसे अब अपने लोड़े पे बैठने का बोल रहा है।
फिर अभय ने नयना को खुद से छिपा लिया और नयना थोड़ा सा उठी और अभय के लोड़े को थोड़ा सा अपनी चूत पे रगड़ा और उसके ऊपर बैठने लगी।
पर जैसे ही नयना बैठने लगी नयना को पता चल गया था की उसका लंड कितना विकराल है। और वो वापस उठने लगी लेकिन अभय ने उसे वहीं पकड़ लिया और धीरे धीरे नीचे खींचे हुए उसे अपने लोड़े पे बैठता गया और नयना कसमसाने लगी, उसका मुंह खुला का खुला रह गया, और मुंह से साफ साफ लग रहा था की वो जोर जोर से चीख रही थी। और जैसे जैसे वो बैठती गई उसकी आंखो से आंसू की धार निकल निकल कर टपकाने लगी। देखते देखते उसने नयना को पूरा बैठा लिया और अब अभय का लंड नयना की चूत को फाड़ता हुआ जड़ तक अन्दर चला गया। और नयना बेहाल होकर अभय पर गिर पड़ी।
अभय ने भी नयना को जोर से खुद से चिपका लिया और धीरे धीरे नीचे से झटके देने लगा।
करीब 5 मिनट बाद नयना अभय की कमर को सहला सहला कर और जोर से चिपकने लगी तो मुझे पता चल गया की नयना का अब दर्द कम हो गया और वो फ्री हो रही है।
फिर धीरे धीरे नयना भी ऊपर नीचे होने लगी और फिर चुदाई स्पीड पकड़ गई करीब 10 मिनट ऐसे चोदने के अभय नयना को लेकर लंड अंदर डाले डाले ही खड़ा हो गया और दीवार के पास नयना को लगाकर खड़े खड़े ही 10,15 झटके मारे और नयना के हॉट चूसे, अब नयना को पता नहीं अचानक क्या हुआ की वो अभय के बालों को फक्कड़ कर उसे जोर जोर से किसी करने लगी, इधर नयना जितना जोर से चुम्बन करती उधर अभय उतना जोर जोर से झटके करता।
फिर वहा से उठा के अभय सीधा नयना को बेड पे ले गया और उसकी दोनो टांगे चौड़ी करके उसके ऊपर लेट गया। दो चार झटके मरने के बाद उसने एक तकिया लिया और खुद थोड़ा ऊपर उठा तो नयना भी अब टांगो से पक्कड़ कर अभय की कमर से चिपकी हुई थी तो उसके साथ ही वह भी उठ गई और फिर अभय ने नयना की गांड के नीचे एक तकिया लगाया।
और फिर उसके ऊपर लेट गया। अभय इतना हट्टा कट्टा था की नयना की सिर्फ हल्की सी गांड और उसका चेहरा दिख रहा था बाकी पूरी नयना अभय के नीचे दब गई थी।
अभय अब मेरी बीवी को गद्दा बनाकर उसके ऊपर लेट कर उसे छोड़ रहा था और वो उसके बालों और कमर सब जगह सहला रही थी।
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद अभय ने दो चार जोर जोर के झटकों के साथ ही सारा माल नयना की चूत में छोड़ दिया और वैसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा। नयना उसे सहलाती रही।
करीब 10 मिनट मिनट बाद जब वह खड़ा हुआ तो मेने देखा की नयना की चूत फेल कर भोसड़ा बन चुकी थी एक बार में ही।
जब अभय ने लंड बाहर निकाला तो नयना की चूत में इतना बड़ा छेद दिखाई दे रहा था की अगर मैं इस वक्त अपना लंड डालता तो नयना के टच भी नही होता और उसे छेद में पूरा चला जाता।
और अब धीरे धीरे अभय के माल की कुछ बूंदें नयना की चूत से तकिए पर टपक गई थी ।
दोस्तों क्या बताऊं पोजीशन और ड्रेसेज बदल बदल कर अभय ने 3 दिन तक नयना को खूब चोदा खूब चोदा और मैं देखता रहा।
3 दिन में अभय ने नयना को 11 बार चोदा और जब हम घर पहुंचे तो मैने देखा की नयना के बूब्स बड़े हो गए है और चूत सूज कर डबल रोटी जैसी और एक दम लाल हो गई थी।
नयना घर जाने के बाद भी करीब 3 दिन तक चौड़ी टांगे करके चलती रही।
और फिर एक हफ्ते बाद टेस्ट
करवाया तो वो पॉजिटिव थी।