jamidar ne karz ke liye bahan ko choda

गाँव के जमीदार ने कर्ज  के बदले मेरी बहन को ३ दिन कसके चोदा

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हेल्लो दोस्तों, मैं मुरली आप सभी का गन्दीकहानीडॉटइन में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से गन्दी कहानी का नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।



मैं हमीरपुर जिले का रहने वाला हूँ। मेरे घर में मैं, मेरी जवान बहन प्रिया और मेरी माँ थी। मैं पेशे से एक किसान था और मेरे पास एक जमाने में काफी खेती हुआ करती थी। पर धीरे धीरे सब कुछ खत्म हो गया और मेरी सारी जमींन मेरे गाँव के चौधरी दशरथ सिंह चौहान के पास गिरवी हो गयी। ये सब बारिश ना होने की वजह से हुआ। मैं खेतों में काम करता, बीज बोता पर जब फसल बड़ी होती तो बारिश ही नही होती और मुझे हजारों का नुक्सान हर महीने हो जाता। उधर मेरे गाँव का चौधरी दशरथ सिंह बहुत ही ठरकी टाइप था और गाँव की जवान बहु बेटियों को मौक़ा मिलते ही चोद देता था। उसके पास १ दर्जन गुंडों की फ़ौज थी। असल में मेरे गाँव और आसपास के सब लोग दशरथ सिंह से डरते थे क्यूंकि उसके पास पैसा और पॉवर दोनों था। उसके पास गुंडों की पूरी एक फ़ौज थी। धीरे धीरे मेरी किसानी डूबती जा रही थी और मुझे एक बार फिर से कर्ज लेने के लिए दशरथ सिंह के पास जाना पड़ा।


मेरी जवान बहन प्रिया को चौधरी ने कई बार खेतों में काम करते हुए देखा था। मेरी बहन प्रिया बहुत खूबसूरत और जवान मस्त माल थी और गाँव के सारे लड़के उसे हमेशा ताड़ते रहते थे। पर सबके साथ साथ हमारे गाँव के चौधरी दशरथ सिंह की गंदी नजरे भी प्रिया पर थी। एक दिन शाम को मेरी खूबसूरत और सुंदर बहन प्रिया बजार जा रही थी तो दशरथ सिंह उसे मिल गया और उसकी बुलेट पर बैठने के लिए कहने लगा। दशरथ को बस नई नई खूबसूरत लड़कियों की चूत मारना पसंद थी।



“प्रिया जान…आओ हमारी बुलेट पर बैठ जाओ। हम तुमको बजार तक छोड़ देते है!!” दशरथ बोला। वो मेरी जवान चुदासी बहन को बार बार घूर घूर के देख रहा था जैसे खा ही जाएगा। प्रिया को दशरथ सिंह के इरादे कुछ नेक नही लगे और वो उसकी मोटर साइकिल पर नहीं बैठी। जब मैं हमारे गाँव के चौधरी दशरथ सिंह के पास दोबारा कर्ज मांगने गया तो वो प्रिया के बारे में पूछने लगा।

“कितना कर्ज तुमको चाहिए???” दशरथ ने मुझसे पूछा

“यही कोई ५० हजार मालिक!!” मैंने झुककर दोनों हाथ जोडकर कहा

“पर तुम्हारा तो २ लाख कर्जा पहले से है। तुम्हे कर्ज नही मिलेगा!!” वो सिर घुमाकर बोला

“पर मालिक, मुझे पैसे की बहुत जरूरत है। आप हर हालत में मुझे ५० हजार का कर्ज दे दो!!” मैंने कहा

“तो ठीक है, अपनी जमीन के कागज़ ले आओ और हमारे पास गिरवी रख दो!!” दशरथ बोला।

ये सुनते की मुझे जैसे हार्ट अटैक आ गया। मेरी ४० बीघा की जमीन के कागज़ उसके पास पहले से थे और अब बची हुई जमीन भी वो हड़पना चाहता था। मैं किसी भी हालत में उसे अपनी बची हुई जमींन के कागज नही दे सकता था।



“मालिक कागज मेरे पास नही है। मेरी माँ ने कहीं रख दिए है। क्या कुछ और मैं आपको दे दू??” मैंने पूछा

“तो ठीक है…..अपनी जवान प्रिया की चूत मुझे दिला दो और जितना चाहो उतना कर्ज ले लो!!” हरामी दशरथ सिंह बोला। मैं उदास होकर घर चला आया। मैं बहुत परेशान था। हमारे गाँव में सिर्फ चौधरी दशरथ सिंह ही कर्ज देता था और कोई आदमी पैसा वाला था की नही। गन्ने की नई फसल के लिए मुझे बीज, खाद और सिचाई के लिए पैसो की बहुत जरूरत थी। अपने दिल पर पत्थर रखकर मैंने अपनी खूबसूरत बहन को चुदनाने का फैसला कर लिया और अगली शाम चौधरी दशरथ सिंह की हवेली पर मैं पहुच गया।


“मालिक मैं अपनी खूबसूरत बहन को ले आया हूँ!!” मैंने कहा

प्रिया डर रही थी। घबरा रही थी। वो २० साल की जवान लड़की हो गयी थी। वो भी अब सब कुछ समझने लगी थी की मैं उसे चौधरी दशरथ सिंह से चुदनाने के लिए लाया हूँ। मेरी बहन ये बात अच्छे से जानती थी।

“मालिक ज़रा आराम ने परिभा की चूत मारना!!” मैंने कहा तो वो कमीना हँसने लगा। मैं तो घर चला आया पर मेरी जवान खूबसूरत भोली और चुदासी बहन को वहां उस जानवर के साथ रात गुजारनी थी। उसके बाद ही वो मुझे कर्ज देता। फिर चौधरी दशरथ सिंह मेरी जवान बहन को उपर पहली मंजिल पर अपनी हवेली में ले गया और बेडरूम में ले गया। ये उसके लिए कोई नई बात नही थी। उसने कर्ज देने के नाम पर गाँव की ना जाने कितनी कुवारी लड़कियों की मस्त चूत चोदी थी। यही उसका काम था। चौधरी दशरथ सिंह की नजरे गाँव की हर खूबसूरत लड़की पर लगी रहती थी। मौक़ा मिलते ही वो उसकी चूत का सौदा कर लेता था। मैं जानता था की आज वो मेरी फूल जैसी मासूम बहन प्रिया को रगड़कर चोदने वाला था। ये बात मुझे अच्छे से मालुम थी।



“आओ प्रिया जान….हमारे पास तो आओ। जरा तुम्हारी खूबसूरती तो मैं देखूं!!” वो हरामी दशरथ सिंह लालची नजरों से मेरी खूबसूरत बहन को देखकर बोला। प्रिया उस शैतान से बहुत खौफ खा रही थी। पर आज उसे हर हालत आज दशरथ सिंह का मोटा लंड खाना ही था। तभी वो मुझे ५० हजार का कर्ज देता अगली फसल बोने के लिए। धीरे कदमो से मेरी जवान बहन उसकी तरफ बढ़ने लगी। फिर दशरथ सिंह ने मेरी बहन को कलाई से पकड़ लिया और उसके गाल पर चुम्मी लेने लगा। मेरी बहन प्रिया बहुत खूबसूरत लड़की थी। उसका कद ५ फुट २ इंच था और फिगर 38 36 32 का था। इससे आप लोग अंदाजा लगा सकते है की मेरी बहन कितनी मस्त चोदने लायक माल होगी। दशरथ किसी गुंडे की तरह मेरी बहन को चूमने लगा। फिर उसने उसे बिस्तर पर खीच लिया और उसके गाल पर किस करने लगा। मेरी बहन को ये सब जरा भी अच्छा नही लग रहा था पर आज उसे उस शैतान से चुदनाना ही था।



धीरे धीरे दशरथ सिंह ने मेरी खूबसूरत बहन का सलवार कमीज निकाल दिया। अब दशरथ के सामने मेरी बहन नंगी थी। प्रिया के बड़े बड़े ३८” के बूब्स काले रंग की ब्रा में कैद थे। दशरथ मेरी बहन के बड़े बड़े गोल गोल खूबसूरत मम्मो को ब्रा के उपर से ही दबाने लगा और मजा लेने लगा। दशरथ सिंह ५० साल का उम्र दराज मर्द था। उसकी बीबी, बच्चे और यहाँ तक की नाते पोते भी थे। इसके बावजूद उसे नई नई लड़कियों की कुवारी चूत मारना बहुत पसंद था और वो नयी चूत मारने के लिए कोई भी कीमत चुका सकता था। काले रंग की ब्रा और पेंटी में मेरी बहन प्रिया बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। दशरथ सिंह ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और प्रिया को अपने पास लिटा दिया। उसके बड़े बड़े हाथ मेरी बहन के गोल गोल मम्मो को दबाने लगे तो प्रिया “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” करने लगी। कुछ देर बाद दशरथ ने मेरी बहन की ब्रा और पेंटी भी उतार दी। अब तो गजब ही हो गया था। मेरी खूबसूरत बहन उस शैतान के सामने पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। प्रिया हमारे गाँव में सबसे खूबसूरत लड़की थी और उसका जिस्म बिलकुल भरा हुआ था। उसके भरे हुए जिस्म को देखकर चौधरी दशरथ सिंह का लंड खड़ा हो गया और १०” तक लम्बा हो गया।



वो मेरी बहन के उपर लेट गया और उसके गुलाबी ताजे ताजे होठ पीने लगा। प्रिया आज अपने दिल पर पत्थर रखकर उस हैवान से आज चुदना रही थी। धीरे धीरे उसे भी मजबूरन दशरथ के होठो को पीना पड़ा। फिर दशरथ मेरी बहन के ३८” के बड़े बड़े मम्मो को दबाने लगा और मजा लेने लगा। दशरथ सिंह बहुत ही भारी भरकम कद वाला आदमी थी। वो शरीर से बहुत बलशाली था। इसलिए जब वो अपने बड़े बड़े हाथों ने मेरी बहन के मम्मे दबाने लगा तो वो “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करके चिल्लाने लगी। दशरथ तेज तेज मेरी बहन के कबूतरों को दबा रहा था। फिर वो नीचे झुक गया और प्रिया के दूध को मुंह में लेकर चूसने लगा। वो हमारी तो मजा ले रहा था पर प्रिया को लग रहा था और दर्द हो गया था। मेरी खूबसूरत बहन को देखकर चौधरी सब कुछ भूल गया था और बस उसके बड़े बड़े ३८” के आम को चूसे जा रहा था।

प्रिया के मम्मे बहुत खूबसूरत थे। उसकी निपल्स बड़ी बड़ी और भरी हुई थी। निपल्स के चारो ओर बड़े बड़े काले काले घेरे बहुत ही सेक्सी लगते थे जिसे देखकर चौधरी पागल हो रहा था। वो एक हाथ से प्रिया के मम्मो को दबा रहा था तो दूसरे हाथों से प्रिया के चुच्चो को मुंह में भरकर पी रहा था और मजे ले रहा था। मेरी मासूम बहन तडप रही थी। उसका चौधरी से चुदनाने के बिलकुल दिल नही था पर आज उसे अपना मन मारकर उस हैवान से चुदना ही था। आज चौधरी की हवेली में मेरी बहन की कसकर ठुकाई होने वाली थी। आज उसकी कुवारी रसीली चूत दशरथ सिंह के मोटे लौड़े से कसके चुदने वाली थी। दशरथ सिंह को मेरी बहन प्रिया बहुत ही खूबसूरत माल लग रही थी। वो उसकी तारीफ़ कर रहा था और उसके दूध को मजे से मुंह में लेकर चूस रहा था। मेरी बहन तडप रही थी।



दशरथ सिंह ने ४० मिनट तक मेरी खूबसूरत बहन के मस्त मस्त मम्मो को बड़े प्यार से चूसा। अब वो उसके होठो को चूस रहा था और प्रिया से फ्रेंच किस कर रहा था। धीरे धीरे प्रिया को भी ये सब चुदाई के खेल में मजा आने लगा। फिर दशरथ सिंह उसके पेट को चूमने लगा और धीरे धीरे प्रिया की सेक्सी नाभि तक आ गया। मेरी बहन की नाभि बहुत सेक्सी, सुंदर और गहरी थी। दशरथ सिंह जीभ डालकर प्रिया की सेक्सी नाभि को चूस रहा था। फिर वो धीरे धीरे मेरी बहन के खूबसूरत पैरो पर आ गया। प्रिया के पैर बहुत गोरे, चिकने और सुंदर थे। चौधरी मेरी बहन के सफ़ेद गोरे पैरों को चूमे जा रहा था। कुछ देर बाद वो प्रिया के दोनों घुटनों को चूमने लगा। प्रिया जानती थी की आज वो कसके चौधरी के लौड़े से चुदने वाली थी। फिर दशरथ सिंह मेरी बहन की मस्त मस्त जाँघों को किस करने लगा, चूमने और चाटने लगा।

प्रिया की मचल रही थी। उसे यौन उतेज्जना महसूस हो रही थी। चौधरी ने अपने दांत मेरी बहन की खूबसूरत जाँघों पर गडा दिए। और चुम्मी लेते लेते वो उसकी चूत पर पहुच गया। मेरी बहन प्रिया अभी नयी नयी जवान हुई थी। वो सिर्फ २० साल की कच्ची कली थी और बहुत ही सुंदर लग रही थी। उसकी चूत भी बहुत खूबसूरत थी। हमारे गाँव का शैतान दशरथ सिंह बड़ी देर तक मेरी बहन की जवान कुवारी चूत के दर्शन करता था। वो गहरी नजरों से प्रिया की चूत को देख रहा था। प्रिया ने कल ही अपनी झाटे बनाई थी इसलिए उसकी चूत पूरी तरह से साफ और चिकनी थी। दशरथ सिंह ने अपनी उँगलियाँ प्रिया के रसीले भोसड़े पर रख दी तो वो सिसक गयी। उसके बाद चौधरी मेरी बहन की कुआरी चूत को मुंह लगाकर पीने लगा। प्रिया को भी बहुत मजा मिल रहा था। वो अपने हाथों से अपनी ३८” की बड़ी बड़ी चुचियों को दबा रही थी। दशरथ सिंह मेरी बहन की चूत को मुंह लगाकर पी रहा था और चूस रहा था। वो किसी चुदासे कुत्ते की तरह मेरी बहन की चूत चाट रहा था।


कुछ देर बाद तो मेरी खूबसूरत बहन जल्दी से लंड खाना चाहती थी। वो “…..ही ही ही ही ही…….अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” बोलकर चिल्ला रही थी। दशरथ सिंह की जीभ मेरी बहन की चूत पर हर जगह इधर उधर घूम रही थी। उसे मेरी बहन की बुर चाटने में जन्नत का मजा मिल रहा था। “आई…..आई….. अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा.. चौधरी साहब…..चोदोदोदो…..मुझे कसकर चोदोदो दो दो दो” प्रिया चिल्लाने लगी। क्यूंकि वो अब और अधिक फॉरप्ले बर्दास्त नही कर पा रही थी। मेरी बहन प्रिया की चूत पूरी तरह से बंद थी और सील पूरी तरह से बंद थी। चौधरी दशरथ सिंह जान गया की अब प्रिया चुदने को पूरी तरह से तैयार है। उसने उसके दोनों पैर खोल दिए और अपने लंड को वो फेटने लगा और ताव देने लगा। कुछ देर में दशरथ सिंह का लंड १०” लम्बा हो गया और तनकर खड़ा हो गया। उसने अपने लंड को हाथ से पकड़कर मेरी खूबसूरत बहन की चूत पर लगा दिया और लंड से प्रिया के चूत के दाने को घिसने लगा। प्रिया तडप रही थी।



चौधरी बार बार अपने लौड़े से मेरी बहन के चूत के दाने को घिस रहा था। ऐसा करने से प्रिया को बहुत जोर की चुदास लग रही थी। कुछ देर बाद उस हरामी चौधरी से अपने लंड का सुपाडा प्रिया की चूत पर रख दिया और जोर का धक्का मारा। प्रिया की सील टूट गयी। दशरथ सिंह का १०” लम्बा लौड़ा मेरी बहन की कुवारी चूत में गच्च से अंदर उतर गया। वो मेरी हसीन माल जैसी बहन को चोदने लगा। आज तो दोस्तों कमाल हो गया था। हमारे गाँव का चौधरी आज अपनी हवेली में ही मेरी जवान बहन को बेदर्दी से चोद रहा था। प्रिया “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करके चिल्ला रही थी। दशरथ सिंह ने मेरी बहन की दोनों टांगो को खोल दिया था और जल्दी जल्दी प्रिया की चूत में लौड़ा दे रहा था। वो बहुत जल्दी जल्दी मेरी खूबसूरत बहन को चोद रहा था और उसकी जवानी का सारा रस लूट रहा था।



मेरी बहन आज कसके चुद रही थी। दशरथ सिंह का लौड़ा बहुत मोटा था और वो जल्दी जल्दी अपनी कमर हिला हिलाकर मेरी बहन को चोद रहा था। प्रिया के चुच्चे भी जल्दी जल्दी हिल रहे थे। दोनों गरमा गर्म चुदाई का मजा ले रहे थे। आज चौधरी को मेरी बहन की बुर चोदकर जैसे जन्नत ही मिल गयी थी। आजतक उसे इतनी खूबसूरत लड़की को चोदने का मौक़ा नही मिला था। दशरथ सिंह ने ३ राते मेरी बहन को रगड़कर चोद लिया। ३ दिन बाद जब मैं प्रिया को लाने गया तो वो चल भी नही पा रही थी। चौधरी ने कसके उसकी बुर चोदी थी। मगर वो बहुत खुश हो गया था और उसने ५० हजार का कर्ज मुझे दे दिया था। ये कहानी आप गन्दीकहानीडॉटइन पर पढ़ रहे है।

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